शनिवार, 4 अप्रैल 2009

मैं अपने आपको लज्जित महसूस करता हूँ

एक प्रसंग ऐसा भी आया, जिसने मुझे लज्जित कर दिया । मुझे स्मरण आता है वह वाकिया जब मैं प्रशिक्षित होकर अपनी यूनिट में नया-नया आया था । प्रत्येक शुक्रवार एवं मंगलवार को जनरल परेड होती थी, हमारी पोसाक में इंकलेट तथा टर्न आउट का विशेष महत्व था। मैं हमेशा वर्दी के मामले में उदासीन रहता था तथा एक वर्दी काफी समय तक चलाता था । शुक्रवार के दिन परेड की सलामी लेने पुलिस अधीक्षक महोदय श्री सर्वजीत सिंह जी पधारे, सलामी के बाद निरीक्षण होता है साहब मेरे पास आकर रुक गये तथा मुझे ऊपर से नीचे तक देखा और बोले वेस्ट टर्न आउट । मैं स्तब्ध रह गया , क्योंकि मेरा टर्न आउट सबसे गंदा था । मेरे जीवन में इसका प्रभाव ऐसा पडा कि मैने उसी समय साफ सुथरी पोसाकें तैयार करायीं । साहब का आश्चर्यचकित व्यवहार मेरे जीवन में नूतन उमंग लेकर आया और मैं उसी दिन से साफ सुथरी पोसाक पहनने लगा । साहब की जगह यदि कोई और अधिकारी होता तो निश्चय ही दण्ड से दंडित कर देता । जब भी मुझे वह पल याद आता है मैं अपने आपको लज्जित महसूस करता हूँ ।

हमारे होश उड़ गये

मुझे वह लमहा याद आता है जब मेरी डियुटी सर्वप्रथम ए0एस0पी0 मिश्रा जी आई0पी0एस0 के यहाँ बैडमेंटन मैदान बनाने में लगी । हम दो लोग उनके निवास पर पहुँचे तो देखा कि उनके निवास पर बाबडी लगी है जिसके अंदर खेती युक्त जमीन है तथा निवास बना है उसी खेती की जमीन में खेल मैदान बनना है । घूम रहे सज्जन ने बताया जो फटी हुई बनियान एवं पैजामा में थे । हम दोनो उन सज्जन से बातें करने लगे कि यह कैसे अधिकारी है कि खेत में खेल मैदान बनाना चाहते है जबकि यह जमीन इस लायक है ही नही तथा तरह्तरह की बातें उन से करते रहे, वह सज्जन कुछ समय बाद अंदर चले गये तथा उसी निवास से हमारे बैच का बंदा निकला जिससे हम लोगों ने पूँछा साहब कहाँ है । तो उसने जबाब दिया जो अभी तुम्हारे साथ थे वही तो है । हम यह सुनते ही , हमारे पैरों के नीचे से जमीन खिसक ग ई । चूँकि हम दोनो उनसे अंजाने में बहुत सारी बुरी भली बातें कर चुके थे । तभी साहब मुस्कराते हुये निवास से निकले जो बनियान की जगह टी सर्ट पहने थे बोले क्यों तुम लोग क्या समझते थे कि ए0एस0पी0 बुड्ढा होगा ? यह सुनते ही हमारे होश उड़ गये। हम दोनो पसीना-पसीना हो गये, हमारे पास उनसे कहने को कुछ नहीं था। चूँकि अंजाने में काफी कुछ बोल चुके थे। वह बोले ठीक है यदि यह जगह इस लायक नही है तो कोई बात नही । वह भी पहली पोस्टिग में आये थे उन्होंने अपनी और हमारी जानकारी आपस में बाँटी । अब हमारी उनसे अच्छी परिचय हो चुकी थी। बुहत अच्छे इंसान है । उनकी जगह यदि कोई अन्य अधिकारी होता तो अनुशासनहीनता बरतने का आरोप लगाकर हम लोगों का कुछ भी बुरा कर सकता था । बहुत ही ईमानदार एवं दरियादिल इंसान है। हम ता-जिंदगी याद रखेंगे उन्हें ।