सोमवार, 20 अगस्त 2012

गीता का ज्ञान


लगता पास लक्ष है मेरे, पास मैं जैसे जाऊ ।


मृगमारीचिका वो बन जाये , मैं ठगा-ठगा रह जाऊ ॥

एक पल सोचू किस्मत मेरी ऐसा खेल खिलाये ।

समय नहीं है आया जब तक, वो कैसे मिल पाये ॥

हार न मानू, रार न ठानू, कर्म किये मैं जाऊ ।

धैर्य और साहस के बूते, आगे कदम बढा़ऊ ॥

आसानी से जो मिल जाये, मजा न उसमें आये ।

जाते-जाते जो मिल जाये, मन फूला नहीं समाये ॥  



आज के दिन क्वार्टर फाईनल मेंअन्डर १९ ने वर्डकप में भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया है ।  इसी बात पर मैं इन पंक्तियों को लिख रहा हू ।